बड़े पैमाने पर पूँजी व्यय द्वारा सरकार ने दी मंदी को चुनौती1 min read
2021 (वर्ष 2021-22 के लिए) के ऐतिहासिक बजट में, सरकार ने घोषणा की है कि वह पूंजीगत व्यय के ज़रिए महामारी का मुकाबला करेगी न कि राजस्व व्यय से, जो यह दर्शाता है कि सरकार का इरादा “मल्टीप्लायर इफ़ेक्ट” के साथ अधिक समृद्धि पैदा करना है।

दुनिया भर में आर्थिक मंदी का कारण बनी महामारी के बाद पहले बजट में, वित्त मंत्री ने सत्र की शुरुआत यह कहते हुए की, “इस बजट की तैयारी जिन परिस्थितियों में की गई, वैसी पहले कभी नहीं हुई।”
2021-22 के लिए, वित्त मंत्रालय ने पूंजीगत व्यय में तेज वृद्धि का प्रस्ताव दिया है और रु. 5.54 लाख करोड़ प्रदान किए हैं जो कि 2020-21 के 4.12 लाख करोड़ रुपये के बीई (बजट अनुमान) से 34.5% अधिक है। 2020-21 के लिए आरई (संशोधित अनुमान) में अनुमानित पूंजी व्यय रु. 4.39 लाख है।
आरई 2020-21 में जीडीपी के 9.5% राजकोषीय घाटा का आकलन किया गया है। सरकार ने कहा कि यह राजकोषीय समेकन के मार्ग पर बढ़ती रहेगी और 2025-2026 तक राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.5% से नीचे के स्तर तक पहुंचने का इरादा रखती है।
वित्त मंत्री ने कहा, “हमने इसे सरकारी उधारों, बहुपक्षीय उधारों, लघु बचत निधि और लघु अवधि उधारों के माध्यम से वित्त प्रदान किया है।”
अगले वर्ष के लिए बाजार से सकल उधारी लगभग रु. 12 लाख करोड़ होगी।
सरकार पैसा कहां खर्च करेगी?
सरकार ने पूँजी का एक बड़ा हिस्सा बुनियादी ढाँचे पर खर्च करने का प्रस्ताव किया है, जिसमें रेलवे, सड़क, राजमार्ग समेत राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन का सब कुछ शामिल है। सरकार स्वास्थ्य सेवा पर भी एक बड़ी राशि खर्च करेगी।

नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) जिसे दिसंबर 2019 में घोषित किया गया था, अपने तरह की अब तक की पहली, पूरी तरह से सरकारी योजना है।
एनआईपी को 6,835 परियोजनाओं के साथ लॉन्च किया गया था और परियोजना पाइपलाइन का विस्तार अब 7,400 परियोजनाओं तक हो गया है।
लगभग 217 परियोजनाएं जिनकी कुल राशि 1.10 लाख करोड़ रुपए है, कुछ प्रमुख बुनियादी ढांचे वाले मंत्रालयों के तहत पूरी की जा चुकी हैं।
एनआईपी एक विशिष्ट लक्ष्य है जो यह सरकार आने वाले वर्षों में हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए सरकार और वित्तीय क्षेत्र दोनों से वित्त पोषण में बड़ी वृद्धि की आवश्यकता होगी।
इस बजट में, सरकार ने ऐसा करने के लिए तीन तरीकों से ठोस कदम उठाने का प्रस्ताव किया है: संस्थागत संरचनाओं का निर्माण करके, संपत्ति के मुद्रीकरण पर बहुत ज़्यादा जोर देकर, और केंद्रीय और राज्य बजटों में पूंजीगत व्यय का हिस्सा बढ़ाकर।
ढाँचागत परियोजनाओं को वित्त प्रदान करना हमेशा बड़ी दिक्कत रही है क्योंकि इसके लिए लम्बी अवधि के कर्ज़ की आवश्यकता होती है। इस समस्या को हल करने के लिए सरकार ने एक विकास वित्तीय संस्थान (DFI) के गठन का प्रस्ताव दिया है
“एक पेशेवर तरीके से प्रबंधित किया जाने वाला विकास वित्तीय संस्थान बुनियादी ढाँचे के वित्तपोषण के लिए प्रदाता, सक्षमकर्ता और उत्प्रेरक के रूप में कार्य करने के लिए आवश्यक है। इस संस्था में पूँजी लगाने लिए मैंने 20,000 करोड़ रु. की राशि प्रदान की है। हमारी महात्वाकांक्षा है कि तीन वर्षों के समय में डीएफ़आई के लिए कम से कम 5 लाख करोड़ रु का उधार पोर्टफोलियो हो,” निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा।
स्वास्थ्य सेवा की तरफ़ आते हुए, सरकार ने एक नई केंद्र प्रायोजित योजना, पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना प्रस्तावित की है, जिसे लगभग रु 64,180 करोड़ रु. के परिव्यय के साथ 6 साल के लिए लॉन्च किया जाएगा।
यह प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक देखभाल स्वास्थ्य प्रणालियों की क्षमता विकसित करेगा, मौजूदा राष्ट्रीय संस्थानों को मजबूत करेगा और नए और उभरते रोगों का पता लगाने और ठीक करने के लिए नए संस्थानों का निर्माण करेगा। यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में एक वृद्धि के रूप में होगा।
पोषण सामग्री, वितरण, पहुँच और परिणाम को मजबूत करने के लिए, सरकार ने पूरक पोषण कार्यक्रम और पोषण अभियान को विलय करने और मिशन पोशन 2.0 को लॉन्च करने का प्रस्ताव दिया है।
सरकार ने कहा कि वह जल जीवन मिशन (शहरी) भी शुरू करेगी, जिसका उद्देश्य 2.86 करोड़ घरेलू नल कनेक्शन वाले सभी 4,378 शहरी स्थानीय निकायों में एक सार्वभौमिक जलापूर्ति करना है। इसे 5 वर्षों में रु. 287000 करोड़ रु. व्यय करके लागू किया जाएगा।
क्रेडिट सुधार
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा अपनी संकटग्रस्त संपत्तियों के प्रोविज़न का उच्च स्तर बैंक के हिसाब-किताब को दुरुस्त करने के उपायों की माँग करता है।

एक एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी और एसेट मैनेजमेंट कंपनी की स्थापना की जाएगी ताकि मौजूदा संकटग्रस्ट उधारियों को समेकित किया जा सके और उसके बाद वैकल्पिक निवेश कोष और अन्य संभावित निवेशकों को परिसंपत्तियों का प्रबंधन और निपटान किया जा सके।
सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों की वित्तीय क्षमता को और बेहतर बनाने के लिए, 2021-22 में 20,000 करोड़ रु. का पुनर्पूंजीकरण प्रस्तावित हैं।
सरकार के राजस्व के स्रोत

सरकार ने बजट में अपने प्रमुख स्रोत यानी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में बड़े पैमाने पर यथास्थिति बनाए रखी है, जो कि 1 फरवरी को पेश किए गए थे। इसलिए, बड़े पैमाने के पूँजी व्यय वाली योजनाओं के लिए धन जुटाने के विकल्प के रूप में विनिवेश, निजीकरण का रास्ता चुना गया है।
सीतारमण ने कहा कि चार सेक्टरों को छोड़कर सभी सीपीएसई का निजीकरण किया जाएगा। इसका मतलब है कि सरकार सिर्फ 4 रणनीतिक क्षेत्रों में एक हितधारक होगी और बाकी का निजीकरण किया जाएगा।

यह भी घोषणा की गई कि आगामी वित्तीय वर्ष में एलआईसी का आईपीओ लाया जाएगा।
यह घोषणा की गई कि दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और एक सामान्य बीमा कंपनी का आगामी वित्तीय वर्ष के दौरान निजीकरण किया जा सकता है। राजस्व बढ़ाने के लिए एक संशोधित विनिवेश लक्ष्य को लेकर पूर्व-बजट चर्चा भी की गयी थी।
इस योजना में एलआईसी जैसी बड़ी संस्थाओं में छोटी हिस्सेदारी बेचने के अलावा ऊर्जा, खनन और बैंकिंग क्षेत्रों में कई कंपनियों का निजीकरण शामिल था।

“बीपीसीएल, एयर इंडिया, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, बीईएमएल, पवन हंस, नीलाचल इस्पात निगम जैसे कई लेनदेन 2021-22 में पूरे हो जाएंगे। आईडीबीआई बैंक के अलावा, हम वर्ष 2021-22 में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों और एक सामान्य बीमा कंपनी के निजीकरण का प्रस्ताव रखते हैं,” सीतरमण ने कहा।
संबंधित कानूनों में उपयुक्त संशोधन करके विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा इनविट्स और आरईआईटी का उधार वित्तपोषण सक्षम किया जाएगा। इससे इनवीट और आरईआईटी के लिए वित्त की सुगमता बढ़ जाएगी और इस तरह से बुनियादी ढांचे और रियल एस्टेट क्षेत्रों के लिए धन बढ़ेगा।
सरकार ने कहा कि गैर-मुख्य संपत्ति में सरकारी मंत्रालयों / विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के साथ अतिरिक्त भूमि शामिल है।
भूमि का मुद्रीकरण या तो प्रत्यक्ष बिक्री या रियायत के माध्यम से हो सकता है या इसी तरह के किसी माध्यम से। इसके लिए विशेष क्षमताओं की आवश्यकता होती है और इसलिए इस उद्देश्य के लिए सरकार ने एक कंपनी के रूप में विशेष उद्देश्य वाहन का उपयोग करने का प्रस्ताव किया है जो इस गतिविधि को अंजाम देगी।
अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएँ
बीमा
वित्त मंत्री ने बीमा कंपनियों में एफडीआई सीमा को 49% से बढ़ाकर 74% करने का प्रस्ताव रखा और सुरक्षा उपायों के साथ विदेशी स्वामित्व और नियंत्रण की अनुमति दी।

नई संरचना के तहत, बोर्ड में अधिकांश निदेशक और प्रमुख प्रबंधन व्यक्ति निवासी भारतीय होंगे, जिनमें से कम से कम 50% निदेशक स्वतंत्र निदेशक होंगे, और मुनाफे का एक निश्चित प्रतिशत सामान्य आरक्षित के रूप में बरकरार रखा जाएगा।
यूलिप या यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान
वित्त मंत्री ने यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान या यूलिप से प्राप्त आय पर छूट को सीमित करने का प्रस्ताव किया है, जिसने अब तक बड़े निवेशकों को कर-मुक्त रिटर्न प्राप्त करने की अनुमति मिलती रही है।
1 फरवरी, 2021 को या उसके बाद ली गई यूलिप के लिए, 2.5 लाख रुपये से अधिक वार्षिक प्रीमियम वाली पॉलिसी की परिपक्वता आय, इक्विटी-उन्मुख म्यूचुअल फंड योजनाओं के समतुल्य कर योग्य होगी।
कई यूलिप रखने वाले व्यक्तियों को, जिनका कुल प्रीमियम 2.5 लाख से अधिक है, भी कर का भुगतान करना होगा।
पॉलिसीधारक के निधन की स्थिति में, या तो निवेश की आय या सुनिश्चित राशि, जो भी अधिक हो, नामांकित व्यक्ति को भुगतान किया जाता है। हालांकि, नामित व्यक्ति को भुगतान की गई यह राशि कर-मुक्त रहेगी।
ऑटो सेक्टर
बजट 2021 में, पुराने और अनफिट वाहनों को हटाने के लिए स्वैच्छिक वाहन स्क्रैपिंग नीति की घोषणा की गई।

स्क्रैपेज नीति से ईंधन-कुशल, पर्यावरण के अनुकूल वाहनों को प्रोत्साहित करने की संभावना है, जिससे वाहन प्रदूषण और भारत के तेल आयात बिल में कमी आएगी।
निजी वाहन 20 साल और व्यावसायिक वाहन 15 साल बाद स्वचालित फिटनेस केंद्रों में फिटनेस परीक्षण से गुजरेंगे।
रेलवे
रेलवे की बात करते हुए, सरकार कमीशन के बाद, परिचालन और रखरखाव के लिए डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण करेगी।
भारतीय रेलवे ने भारत के लिए एक राष्ट्रीय रेल योजना – 2030 तैयार किया है। योजना 2030 तक ‘भविष्य के लिए तैयार’ रेलवे प्रणाली बनाने की है।
वित्त मंत्री रेलवे के लिए 1,10,055 रुपये की रिकॉर्ड राशि प्रदान कर रहे हैं, जिसमें 1,07,100 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए है।
खेती पर फोकस
सरकार के एमएसपी या न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था में बदलाव हुआ है और वित्त मंत्री ने सभी वस्तुओं के उत्पादन की लागत का कम से कम 1.5 गुना लागत मूल्य का आश्वासन दिया है।
“स्थिर रफ़्तार से आगे बढ़ते रहने के लिए खरीद ज़ारी है। इससे किसानों को भुगतान में काफी वृद्धि हुई है,”सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा।
किसानों को पर्याप्त ऋण देने के लिए, वित्तीय वर्ष 2022 में कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर रु. 16.5 लाख कर दिया गया है।
स्टार्ट-अप के लिए बूस्ट
स्टार्टअप और इनोवेटर्स को सीधे लाभ पहुंचाने वाले एक और उपाय के रूप में, सरकार ने वन पर्सन कंपनियों (ओपीसी) को शामिल करने के लिए प्रोत्साहन देने के लिए कदम उठाए हैं।
सरकार ने योजना बनाई है कि ऐसी करने के लिए ओपीसी को भुगतान की गई पूंजी और टर्नओवर पर किसी भी प्रतिबंध के बिना बढ़ने की अनुमति दी जाए, किसी भी समय किसी अन्य प्रकार की कंपनी में उनके रूपांतरण की अनुमति दी जाए, भारतीय नागरिक के लिए ओपीसी स्थापित करने के लिए निवास की सीमा को 182 से घटाकर 120 दिन किया जाए और गैर-निवासी भारतीयों (NRI) को भारत में ओपीसी में शामिल करने की अनुमति दी जाए।
सरकार ने कहा कि यह देश में स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहित करने का इरादा रखती है, इसने स्टार्ट-अप्स के लिए कर अवकाश का दावा करने की पात्रता को एक और वर्ष बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है।
इसके अलावा, स्टार्ट-अप्स की फंडिंग को प्रोत्साहित करने के लिए, सरकार ने 31 मार्च 2022 तक स्टार्ट-अप्स में निवेश के लिए पूंजीगत लाभ की छूट को बढ़ा दिया है।
ईपीएफ छूट में बदलाव
अपने बजट भाषण में, वित्त मंत्री ने कहा कि उच्च आय वाले कर्मचारियों द्वारा अर्जित राशि के लिए कर छूट को तर्कसंगत बनाने के लिए, कर्मचारियों के विभिन्न भविष्य निधि के लिए रु. 2.5 लाख तक के वार्षिक योगदान से अर्जित आय पर कर छूट को प्रतिबंधित करना प्रस्तावित है।
इसका मतलब है कि यदि किसी कर्मचारी का एक साल का ईपीएफ़ योगदान रु 2.5 लाख से अधिक है, तो ब्याज पर कर छूट रोक दी जाएगी। वर्तमान में, भविष्य निधि पर अर्जित ब्याज को आयकर से मुक्त किया गया है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, वित्त मंत्रालय ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ईपीएफओ श्रमिकों के कल्याण के लिए है और इस कदम से श्रमिक प्रभावित नहीं होंगे। यह ईपीएफओ में आने वाली बड़ी राशियों के लिए है, जिन्हें कर लाभ होता है और 8.5% वापसी का आश्वासन भी दिया जाता है।
बाजार की प्रतिक्रिया

स्टॉक मार्केट द्वारा बजट का स्वागत किया गया। निफ्टी ने लगभग 50 अंक से दिन भर में 5% बढ़त हासिल की और सेंसेक्स 2000 अंकों के साथ 5% बढ़कर दिन के सर्वोच्च स्तर पर पहुँचा।
न केवल बेंचमार्क सूचकांकों बल्कि व्यापक बाजारों ने उम्मीद दिखाई है क्योंकि निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉल कैप 100 इंडेक्स, क्रमशः 3% और 2% अधिक पर बंद हुआ।
निफ्टी बैंक ने सर्वकालिक उच्च स्तर को छुआ और बैंक पुनर्पूंजीकरण योजना, एनपीए को खत्म करने के लिए प्रस्तावित एआरसी और एएमसी और कुल मिलाकर आर्थिक पुनरुद्धार वाले बजट के दम पर, बजट के बाद से 8% की वृद्धि पर बंद हुआ।
इसके अलावा, वाहन परिमार्जन नीति की घोषणा पर निफ्टी ऑटो इंडेक्स 4% से अधिक बढ़ गया। सरकार द्वारा एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) की सीमा बढ़ाकर 74% करने पर इंश्योरेंस कॉस 1-8% अधिक हो गया।

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